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हंसाएंगे फिर से
हंसी-खुशी जो पल बीत जाए वह अनमोल होता है। कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि किसी को भी रूठने न दो, उसे फिर से हंसाने की कोशिश कीजिए। चलो आज उनको मनाएंगे फिर से अगर मान जाएं हंसाएंगे फिर से..।। शरारत के दिन वे अगर लौट आएं चलो प्यार से फिर सताएंगे फिर से..।।…