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  • हाथी और दर्जी

    हाथी और दर्जी

    शरारतें कभी-कभी पुरानी दोस्ती को भी दुश्मनी में बदल देतीं हैं। एक ऐसा ही प्रसंग कवि मुकेश अमन ने अपनी कविता में लिखा है, आप भी पढें कि कैसे हाथी और दर्जी की दोस्ती शत्रुता में परिवर्तित हो गई। एक हाथी और दर्जी में था, बहुत घनेरा प्रेम, दोस्ती। प्रेम-भाव से मिलते-जुलते, पाते सच्ची जीवन…