Tag: SWARACHIT419
-
मैं चाहता हूँ
कलमकार अपरिचित सलमान की एक कविता पढें जिसमें उन्होंने अपनी चाहत लिखी है। हम सभी के मन में अनेक इच्छाएं और अरमान होते हैं, उन्हें सबके सामने बता पाना थोड़ा कठिन सा लगता है। चाहता हूं मैं भी उस श्वेत कण की तरह जो जल में घुलनशील हो हाँ नमक ही बनना चाहता हूं जिसमें…