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अंधेरा कुछ पलों के लिए ही होता है, क्योंकि वह ज्यादा देर तक टिक ही नहीं सकता है। हर रात का अंत सूरज की पहली किरण के साथ ही हो जाता है। इसी तरह जीवन में आनेवाली विपदाओं का भी अंत शीघ्र ही जाता है, क्योंकि वे सदा के लिए नहीं होतीं। कलमकार कन्हैया लाल…