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कभी मैं देखती थी
सुख समृद्धि जब तक हमारे आंगन में रहती है तब तक अनेक मित्र इर्द-गिर्द मंडराते रहते हैं। कलमकार अपरिचित सलमान ने प्रकृति के उदाहरण से इस तथ्य को संबोधित किया है। दुख की घड़ी में साथ देने वाले दुर्लभ हो जाते हैं। कभी मैं देखती थी, हरे पत्तों में तुझे बसंती हवा में तेरे मन…