जरा दूरियां रहने दो

कलमकार अनिरूद्ध तिवारी की एक रचना पढें जिसमें वे लिखते हैं कि प्यार में थोड़ी दूरी बनाए रखिए। वैसे भी विरह और दूरियाँ प्रेम को और मजबूत करतीं हैं। इतना भी करीब होना ठीक नहीं! जरा दूरियां रहने दो! बादलों…

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