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  • मन की पीड़ा

    मन की पीड़ा

    कलमकार मुरली टेलर ‘मानस’ ने मन की पीड़ा को अपनी पंक्तियों में रेखांकित किया है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में अनेक दर्द समाए होते हैं, जब वे असहनीय हो जाते हैं तो आँखों से छलक जाते हैं। कुछ जमी पर तन के टुकड़े कुछ जमी पर मन के मुखड़े कुछ जमी पर जन के दुखड़ो…