कोरोना डर गया, इंडिया के गलियारों से

इमरान सम्भलशाही की एक व्यंग्य रचना, जो कहतें हैं कि हमारी प्रतिक्रियाओं से कोरोना भी दर गया। किन्तु हम सभी को सजग रहने की आवश्यकता है। हुंकार दे दिया, कुर्ता संग पहना जॉकी हैगिलास सज़ गई, देखो दूर खड़ा साकी…

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