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नववर्ष तुम्हारा स्वागत है
हे सृष्टि के प्रथम दिवस! नववर्ष तुम्हारा स्वागत है बीत गया है वर्ष पुराना नूतन की तैयारी है जो बीता जैसा बीता स्वर्ण समय की बारी है मातृभूमि हमारी भगवन, जग में निर्मल परिभाषित है नव वर्ष तुम्हारा.. मन को दृढ़ निश्चय कर आशाओं का संकल्प करें प्रथम दिवस की प्रथम किरण प्रगति मार्ग को…