आलंबन विहीन मुस्कुराता दीपक है रंगमंच

कलमकार इमरान संभलशाही विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाओं के साथ एक रचना इस मंच पर प्रस्तुत की है और बताते हैं कि रंगमंच आलंबन विहीन मुस्कुराता दीपक है। चाय की बेशुमार प्यालियों के बीच चाय की चुस्कियों के साथ मूसलाधार ठहाके…

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