इस दौर की बातें

संदिग्ध है ये वायरस, मचा रक्खा इसने कोहराम, दीन दुखियों की देह पर बरसाये कोड़े तमाम। जान जोखिम डालकर, करें सर्वस्व त्याग महान, धिक्कार उन मालिकों को ख़ाली करायें जो मकान। भय व्याप्त हर ह्रदय में, संशय में जिए इंसान,…

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