COVID19 / कविताएं ठहर जाओ गर बाहर नहीं जा सकते, तो अन्दर जाओ। खुद को ढूंढने में, खो जाओ। रफ़्तार को रोक कर, थोड़ा थम जाओ। मानव तुमने ही, की हैं ये हलचल, अब सम्हल जाओ। सोचो क्या भूल हुई, अपनी गलती फिर ना दोहराव।… 0 Comments March 29, 2020