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  • ठहर जाओ

    ठहर जाओ

    गर बाहर नहीं जा सकते, तो अन्दर जाओ। खुद को ढूंढने में, खो जाओ। रफ़्तार को रोक कर, थोड़ा थम जाओ। मानव तुमने ही, की हैं ये हलचल, अब सम्हल जाओ। सोचो क्या भूल हुई, अपनी गलती फिर ना दोहराव। गगन में उड़ान भरते किसी पक्षी को, अब ना सताओ। प्रकृति हम सबकी जननी हैं,…