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श्रीराम की स्तुति
हे जगत के महावीर स्वामी, तू सदा कल्याण कर चर अचर सकल जगत का, तू महा कल्याण कर हे दशरथ सुत! तेरे चरण को पखार कर प्रणाम है तू धरा का तेज़ मानस, कण कण में बसा नाम है साहस नहीं कैसे लिखूं, मर्यादित पुरुषोत्तम नाथ पर बस मिट ही जाऊं भक्ति में तेरे, हस्त…