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नारीत्व मेरी पहचान
गोपेंद्र कुमार गौतम जी की यह कविता पढें जो स्त्रियों की समर्थता और कुछ सवाल जताती है। वास्तव में गुण और कौशल में भी नारी किसी से कम नहीं है। मैं ही जगत जननी, मानवता की मां मैं, मैं ही पालनहार हूं! फिर भी सदियों से, सह रही अत्याचार हूं। कोई मेरे चीर पर, कोई…