लॉकडाउन और ज़िंदगी

भागती दौड़ती जिंदगी अचानक से थम गयी है एक ठहराव सा आ गया है जरूरतें नगण्य है बस कुछ कपडे दाल रोटी और एक घर एक सन्तोष सा महसूस हो रहा बीच बीच में शंखनाद के साथ माता का अभिषेक…

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