तीन क्षणिकाएं
कलमकार सुधांशु रघुवंशी ने कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत की हैं जो जिंदगी के किसी छोर की सच्चाई बता रही हैं आइए उनके मुक्तक व विचारों को पढ़ें। वियोग की पीड़ा से परिचित नहीं फेंकते बहती नदी में कंकड़ उन्हें भय होता…
0 Comments
April 3, 2020