महामारी के घाव

महामारी के घाव को खेल रहे हो बड़े दाव से वो नो आउट पे बॉल मार रहा है और तुम वाहन रूपी गेंद दे रहे हो हुआ लोकडॉउन लगी धारा फिर भी तुम चडा रहे हो पारा कहीं चोराये दूत…

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क्या लिखूँ?

लिखने के लिए विषय की खोज भी आसान काम नहीं है। कलमकार पूजा साव की यह कविता इस दुविधापूर्ण कार्य के चयन का संबोधन करती है। अपनी कलम से लिखे शब्दों से लोगों के हृदय तक पहुँच जाना ही किसी…

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