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व्यापार
आज समस्त विश्व का व्यापार, हो गया है लाचार, कोरोना का है प्रसार. चौपट है व्यापार, व्यापार का पहिया है अवरुद्ध, व्यापारी गण क्रुद्ध. महामारी ने पाव पसारा है, मानवता पर संकट भारी है. लोभ, लिप्सा, साम्राज्यवाद ने दानवता जगायी है, सहस्त्र फणों की लोलुपता ने यह महामारी फैलायी है. अर्थ की भूख ने आज…