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मैं गॉव लौटना चाहता हूं
जहां खुली आंखें मेरी, जहां मैंने चलना सीखा, बापू की वह स्नेही अंगुलियाँ, जिसे पकड़कर चलना सीखा, जिस का आशीर्वाद सदा सर पर मेरे, उस माँ के अंक में सोना चाहता हूं, ऐ जिंदगी थोड़ी मोहलत दे मुझे, मैं घर लौटना चाहता हूं। जहां बीता बचपन मेरा, जहां ले मैने अंगड़ाइयां, था प्यार मिला इतना…