COVID19 / कविताएं पलायन बेरोजगारी, गरीबी और मजबूरी ने मिलकर एक व्यक्ति इतना तंग किया, एक दिन वह बोरिया विस्तर लादकर घर छोड़कर चल दिया। सोचा! क्या करुँगा, कहाँ जाऊँगा मन मे बडा़ उदास था, कुछ भी करूँगा पर घर लोटकर नहीं जाऊँगा ये… 0 Comments April 6, 2020