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  • घर पर रहे

    घर पर रहे

    जब तक अपना कुछ न बिगड़ता है, तब तक कोई यहाँ न संभलता है। विपदा भारी जब आती है, तब होती यहाँ तैयारी है। नियमों को ताक पर रखने की अपनी ये पुरानी आदत है। घर पर रहना है सबको तो बाहर निकलने की फितरत है। शहरों तक जब पहुँचा था, तब हम गाँवों में…