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चलो हंसते-हंसते बुरा वक्त बिताते हैं
कलमकार विपुल मिश्रा बुरा वक्त हंसते हंसते बिताने की बात अपनी कविता में लिखते हैं। बुरे वक्त में धैर्य की जरुरत होती है और हंसते हुए हम इसे हरा सकते हैं। चलो हंसते-हंसते बुरा वक्त बिताते हैं खुद भी हंसते हैं दूसरों को भी हंसाते हैं, चलो हंसते-हंसते बुरा वक्त बिताते हैं। किसी को समझाते…