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  • शशिवल्लभ जी के घनाक्षरी छन्द

    शशिवल्लभ जी के घनाक्षरी छन्द

    महावीर हनुमान जयंती विशेष रात दिन साधना में, राम की आराधना में, शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी है। धीर बीर बल धारी, उमा पति अवतारी, अंजनी के जाए सुत, बाल ब्रह्मचारी है। बल को बखान हनु, रीछ जामबन्त सुनि, पैठि दशमाथु राजु, बाटिका उजारी है। अक्षय को क्षय कर, लंक को दहन…