ये कैसी सजा दी तूने खुदा, जो सबको ठहरा दिया, भागते दौड़ते थे जो, उनको ठिकाने पर रुका दिया। ये होड़ थी जो सबकी एक दूसरे से आगे बढ़ने की, अब ठहरने वाले को ही तूने विजेता बना दिया। जो कभी काटते थे चक्कर शहरों और गलियों की, उनको तूने एक खिड़की पर टिका दिया।…