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  • ख़ुद को सुलझाने में

    ख़ुद को सुलझाने में

    जीवन की उलझनों में फंसे होने के कारण हम ख़ुद को सुलझाने का बहुत प्रयास करतें हैं। कलमकार हिमांशु बड़ोनी कुछ उदाहरण द्वारा इस उलझन को व्यक्त कर रहें हैं जिसमें हर कोई कैद है। मीलों मीलों का रास्ता तय करके, जब सागर नदी से मिलने जाता है। तो लंबा इंतजार करवाने के बदले, वो केवल…