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मजबूर हो गए करने को पलायन
मन में पीड़ा इतनी है, जितना बड़ा है रत्नाकर।यह सोच कर निकल पड़े, सुकून मिलेगा घर जाकर। कितनी दूर पैदल चलेंगे, वो हैं निरेहाल।चेहरे से स्मित है गायब, हालात है खस्ताहाल। एक बीमारी ऐसी आई मानो वह है डायन।श्रम साधक मजबूर हो गए करने को पलायन। सारे सपने टूट गए, जो रखे थे उसने सजाकर।यह…