Tag: SWARACHIT636
-
इश्क का सुरूर
कलमकार शीला झाला की कुछ पंक्तियाँ पढिए जिनमें प्रेम के शुरुआती दिनों का वर्णन हुआ है। आपको कोई पसंद आ जाता है और ख्यालों की दुनिया बनाने में आप व्यस्त हो जाते हैं। तेरे इश्क का सुरूर दिल पर छा रहा है तेरी मोहब्बत का लगता है फरमान आ रहा है तन्हाइयों में तेरी यादों…
-
चापलूसों का व्यवहार
चापलूसी भी एक तरह की कला है जो हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि चापलूसी कभी किसी का भला नहीं करती है। चापलूसों के व्यवहार पर कलमकार दीपिका राज बंजारा की यह कविता पढें। कभी तेरी तो कभी मेरी करते… क्या करे चापलूस होते ही ऐसे.।। चालाक…