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  • ओ बेटी

    ओ बेटी

    कलमकार अतुल मौर्य ने एक कविता प्रस्तुत की है जिसमें वे बेटी को संबोधित करते हुए अपने मन के भाव प्रकट किए हैं। ओ बेटी, तू मान बन.. अभिमान बन, गौरव बन.. सम्मान बन, कल का इतिहास बदलने को तू, आज का वर्तमान बन, तू रो मत.. तू सिसक मत, तू दुर्गा है.. तू काली…