इमरान संभलशाही जी की दस कविताएं

१) उपकार करो या सत्कार करो उपकार करो या सत्कार करोस्नेह मुहब्बत हर बार करो हो जीवन सावन जैसारहो न जग में ऐसा वैसाबारिश की फुहार बन कररिमझिम सी हर बार मरो लहर बनो प्यार के खातिरन मन में हो…

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उपकार करो या सत्कार करो

जीवन में कर्म का विशेष महत्व होता है, हमें सदैव कर्मशील रहना चाहिए। कलमकार इमरान संभलशाही ने अपनी इस कविता में जीवन को जीने के कुछ बेहतरीन नुस्खे बताएँ हैं जिसे अपनाना हितकर होगा। उपकार करो या सत्कार करो स्नेह…

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