कविताएं हो न हो कलमकार सतीश शर्मा जीवन में घटने वाली अनेक परिस्थितियों और घटनाओं के अनुभव से यह कविता पूरी की है। कई आदमी रहते हैं यहां, हर एक शख़्स में। हो सकता है, बेहतर भी हो कोई बुरा भी हो। पाना है… 0 Comments April 17, 2020