Tag: SWARACHIT670C

  • धरा की अनंत पीड़ा

    धरा की अनंत पीड़ा

    विश्व धरा ने युगों-युगों से, अनंत पीड़ा सही। जीवन दिया, पोषण किया। पालक होकर भी, पतित रही। अपनी ही संतानों का, संताप हर, अनंत संताप सहती रही। विश्व धरा ने युगों-युगों से, अनंत पीड़ा सही। स्वर्णनित उपजाऊ शक्ति देकर, भूख मिटाई दुनिया की, पर अपनी संतानों की लालसा से, उनके लालच से बच ना सकी।…