डॉ. राजेश पुरोहित जी की दस कविताएं

१) माँ शारदे की आराधना विद्या की देवी माँ शारदे सेआराधना करता हूँ।मैं दो हाथ फैलाकरबस दुआ मांगता हूं।। मेरी कलम में ताकत दे।अल्फ़ाज़ों का खजाना दे।। मैं गरीबों का दर्द बांट सकूँ।अपनी कलम से भला कर सकूं।। जो काम…

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पेड़ लगाओ पृथ्वी बचाओ

धूल धुँआ कहाँ तक झेलेगा आदमीध्वनि वायु जल प्रदूषित हो रहा हैजंगल के पेड़ धीरे धीरे कम हो रहेवन्य जीवों की प्रजातियाँ लुप्त हैंहरियाली अब दिखती नहीं कहीं भीधरती तवे सी जल रही दिनों दिन हैओजोन परत में छेद हो…

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