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  • आहिस्ता चल जिन्दगी

    आहिस्ता चल जिन्दगी

    जिंदगी! थोड़ा धीमे धीमे चल- यही कहते हैं कलमकार प्रिंस कचेर “साक्ष” इस कविता में। जिंदगी वक्त के साथ सदा चलती रहती है कभी थमती नहीं है। आहिस्ता-आहिस्ता चल जिन्दगी,उम्र कट जायेगी। ये जिन्दगी यादों कि, किताब बन जायेगी॥ तेरे संग बीते पलों, की याद बहुत तड़पाएगी। और फिर यादों के सहारे, हमारी जिन्दगी कट…