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आओ चलें पाठ करें
किताब स्वयं में है संसार आओ चलें पाठ करें किताब नहीं कोई व्यापार, आओ चले पाठ करें किताब की जैसी मां मेरी है जो कहती पल में, सब तेरी है इसमें नदियां है व इसमें झील चलना होता है लंबे मील शाख व पत्ते पेड़ भी रहते भौवरें गुन गुन गीत भी कहते सागर की…