किताबों की दुनिया

किताबों की दुनिया कितना अच्छा वक्त जब रहता था इंतज़ार एक नई किताब आने का छोड़ के सारे काम किताब नई पढ़नी थी बिना पढ़े न दिन में चैन था न रात में आराम अब तो वो समय ही कहाँ…

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