कविताएं जी लूँगा कलमकार अभिषेक की एक रचना पढें जो लिखते हैं कि चाहे जैसी परिस्थिति आ जाए, मैं उनका सामना कर जी लूँगा। तुम साथ न भी दो तो भी जी लूँगा। आज लग रहा जैसे तुम नहीं हो,हाँ सही सुना।अपनी यादों… 0 Comments April 24, 2020