जी लूँगा

कलमकार अभिषेक की एक रचना पढें जो लिखते हैं कि चाहे जैसी परिस्थिति आ जाए, मैं उनका सामना कर जी लूँगा। तुम साथ न भी दो तो भी जी लूँगा। आज लग रहा जैसे तुम नहीं हो,हाँ सही सुना।अपनी यादों…

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