Tag: SWARACHIT681
-
प्रेम भाव ही करुण वेदना
साक्षी सांकृत्यायन की यह रचना मन की वेदना वयक्त करती है। वह वेदना जिसे हम सभी किसी अन्य से साझा करना चाहते हैं और उससे कभी प्यार का एहसास होता है तो कभी पीड़ा। अब नहीं चाहता कोई सुनना, मन के पीर की आज वेदना कहीं खो जाऊँ अपनी संवेदना, प्रेम भाव ही करुण वेदना।…