कोरोना आया है लॉकडाउन स्वरूपा

ऐ! प्रकृति प्रदत्त चीजो से इंशा, मत करो खिलवाड़ तुमरौद्र सा तेवर जागेगा जब, क्या सह पाओगे दहाड़ तुम?युगों युगों से देती आई जो, जीवनदायिनी सतरंग भी"मां" बन पोशी अपने अंचल में, सदा निभाई संग भीसुख सागर सा प्राण दिया…

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