मैं नारी हूँ

कलमकार सुनील कुमार जी महिलाओं के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं, आप भी पढिए। न मैं अबला न बेचारी हूं मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं मां-बहन- बेटी-बहू रूप अनेक धारी हूं मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं। बाबुल की मैं…

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