Tag: SWARACHIT687B
-
मुकेश बिस्सा रचित दस कविताएं
१) आदमी बिखर गया वो जाने किधर आया हैंआदमी ही बिखर आया हैं। मंजिले अजीब सी लगती हैंअरसे बाद कोई घर आया हैं। आस उसकी निराश हो गईखाली हाथ कोई आया हैं। वो गया पाने की तलाश मेंहौसला हार कर आया हैं। यादें फिर घर कर गई हैआंसुओं से आंख भर आयी हैं। २) संबंधों…