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विद्यार्थी का जीवन
कलमकार शिवम तिवारी प्रतापगढ़ी विद्यार्थी जीवन पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर प्रस्तुत की हैं। उन्होंने अपना अनुभव साझा किया है इस कविता में, आप भी पढें। जिंदगी की किताब, कब पलट गई, पता ही नहीं चला। कब सपनों के लिए, अपना घर छोड़ दिया पता ही नहीं चला।। गांव से चला था, कब शहर आ गया…