कर्म योगी

यह कविता उस वर्ग को समर्पित है जो संकट की घडी मे.अपनी जान जोखिम मे डाल कर मानव को जीवनदान प्रदान करते हैं और समाज मे निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं मेरा आशय चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों से…

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