कसम है तुम्हें

सैनिक अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता है। एक बुलावे पर वह सरहद पर मुक़ाबले के लिए तैनात हो जाता है। वह अपने परिजनों से क्या क्या उम्मीद रखता यह कलमकार संतोष अपनी कविता में बता रहें…

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