आत्ममंथन

ये कैसी आहट है? क्या सिर्फ़ हवा का झोंका हैं जिसने कर दिया अभिभूत सभी को आज एहसास हो गया कि गुदरत के आगे किसी की नहीं चलती हैं। कभी इस दुनियां को अलग-थलग सपनों का महल बनाते देखी थी!…

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