कविताएं / विशेष दिन श्रमिक व्यथीथ हो चला था हृदय में अपने अनंत पीड़ा लेकर वह अपने घर को चला था क्या करता इस बड़े से शहर में शहर के व्यवहार से, वह कुपित हो चला था ऐसा नहीं था कि नहीं थे अच्छे लोग,… 0 Comments May 1, 2020