श्रमिक न घबराये श्रम से
श्रमिक! न घबराये, श्रम से मेहनत करता है दम-खम से। फिर! चूल्हा कल जलेगा घर पर चिन्ता उसको यही सताये। श्रमिक! श्रम की गर्मी से पिघला लोहा आकार है देता। खेतों में, कारखानों में खून जलाता पसीना बहाता। सुस्ता ले…
0 Comments
May 4, 2020