भारत माँ के सपूत
हंदवाड़ा शहीदी को नमन करती एक कविता। कौन कहता है बेटे विदा नहीं होते है जब तिरंगे में लिपटा उनका देह आया होगा। उन सपूत की माँ का दर्द भला कौन समझ पाया होगा। कोई मोल नहीं लगा सकता उनके…
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May 6, 2020
हंदवाड़ा शहीदी को नमन करती एक कविता। कौन कहता है बेटे विदा नहीं होते है जब तिरंगे में लिपटा उनका देह आया होगा। उन सपूत की माँ का दर्द भला कौन समझ पाया होगा। कोई मोल नहीं लगा सकता उनके…