कवि हूं मैं

कम शब्दों में बड़ी-बड़ी बातें कह देना कवि की कला है। शब्दों का ताना-बाना बुनकर वे अपनी रचना को कविता का रूप देते हैं। कलमकार मुकेश बिस्सा स्वयं के बारे में लिखते हैं कि कवि हूं मैं। कवि हूं मैं…

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