तुम ही मेरी माँ बनना

अपनी आंचल के साए में सदा महफ़ूज रखा हर बला से तुमने मुझको बहुत दूर रखा मेरी उंगली पकड़कर तुमने चलना सिखाया दुनियां के झंझावातों से निपटना सिखाया तुम्हीं ने मुझे सबसे पहले पढ़ना सिखाया पंख देकर आसमानों में उड़ना…

0 Comments