मेरी दूसरी मां

बालपन में उंगली पकड़े, जबमम्मी संग कभी कदारअस्पताल जाता था तोमुझे नहीं पता होता कि हम अस्पताल आए हैऔर आए है तो क्यों आए है?ये अस्पताल होता क्या है?अस्पताल में अपनी छोटी आंखों से मम्मी कोमम्मी की ही तरह किसी…

0 Comments

वेदना

कलमकार संजय वर्मा "दॄष्टि" की रचना- वेदना; हम इंसानों को अपनी तकलीफ बहुत बड़ी लगती है जबकि हमारे द्वारा अन्य जीव-जंतुओं को अनजाने में ही अनेक कष्ट पहुंचाया जाता है। उनकी भी तकलीफ को कम करना हमारा ही कर्तव्य है।…

0 Comments